क्यों होलीवुड की फिल्मों से बोलीवुड की फिल्मे ज़्यादा अच्छी हैं:
१) बोलीवुड फिल्मे और ज़्यादा लम्बी हैं, तो उनमें इन्तरमिशन हैँ. लम्बी फिल्मों को इंतरमिशनों की ज़ुरुरत है, पर होलीवुड की लम्बी फिल्मों में कोई इन्तर्मिशन नहीं हैं.
२) बोलीवुड फिल्मियों मैं सब लोग नचते हैं. यह बिल्कुल अच्छा है क्योकि लोगों को यह नचन और गनें के लिये प्रेरित करता है.
३) बोलीवुड के अभिनता उनका क्षोाग को अज्नबी और ज़्यादे प्याड हैं.
४) बौलिवद के गॅते बहुत प्यड हैं, और बहुत लोग वह गन्ते हैं. इस से भरती लोग एक दुसरे को विचरों क्र्नि सक्ते हैं.
५) बोलीवुड के विशये सार्वभौमिक है, तो सब-सब लोगों को पसंद सक्ते हैं.
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1 comment:
जुलिया,
आपने सच बोला बौलिवद. फ़िल्मौं मे इन्तरमिशन होती हैं. मेरे खयाल मैं इन्तरमिशन ज़रूरत है. इन्तरमिशन के बिना फ़िल्म मे मेरा मन नहीं लगता है. लेकिन इन्तरमिशन के बाद, मैं आराम से फ़िल्म देख सकती हूं.
और दूसरी बात है कि मुझे बौलिवद फ़िल्मौं की नचन गाने भी पसन्द है. कबी-क्बी मैं थोड़ी फ़िल्मी हो जाती हूं और बौलिवद की हिरोहन का नकल करती हूं. जब वे नाचती हैं ताब वे बहुत सुन्दर लगती हैं. जब मैं उनकी तरह नाचती हूं, मुझे लगता है कि मैं भी सुन्दर हूं.
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