Tuesday, 15 April 2008
राज्पत शादी
प्र्न्प्रग्त राज्पत शादी साथ पीढियाँ से की जाती हैँ। इस शादी भी की साथ सरेमोनी हैँ। पहले सरेमोनी तिलक हैँ, दुसरे बान हैँ, अगले मल, टू, निकासी, सहला अउउर धुकाव, ऑउर आखिरी सैट फेरे हैँ। आदमी एक शेरवानी और उनका तुर्बन पता हैँ। औरत बहुत सुंदर पहनावा पहती हैँ। रंग-रंगीली लहंगा, ओधानी, कूर्टी, वगैरा पहती हैँ। उसके माथा पर रखदी पहती हैँ, उसके मुख्य पर शीस्फुल रकती हैँ , उसकी गरदन के बरे में मोटा आड़ हैँ। उसकी बांहों पर बाजु पहती, और उसके टखने पर पाजेब पहती। औरतीं बहुत-बहुत शादी की तैयारी करती हैं.
स्वतंत्रता दिवस त्यौहार
भारत की स्वतंत्रता दिवस जीवनी त्यौहार हैँ। पिछले साल भारत के स्वतंत्रता की पचास साल था। इस त्यौहार वे दिन १९४७ में की भारत ग्रेट ब्रितीं से आजादी लगा। स्वतंत्रता दिवस हर साल १५ऑगस्ट मनाया जाता हैँ। यह बडा-बडा त्यौहार हैँ। दिल्ली में, लोग पतंग उड़ते। लाख-लाख पटाखे जलाते। इतना घना धुआं हैँ, साँस ही लेना मुश्किल हैँ! मेरे दिल्ली के परिवार की घर में, बडी परिवार और दोस्तों के लिए पार्टी हैँ। पहेले, हम छत पर पतंग उड़ते, और नाचते, फिर हम घर में बातचीत करते, और बहुत देर से हम बदिया खन्ना खाते
Monday, 14 April 2008
युगादी
कुछ दिन पहले हमने युगादी मनाया। युगादी कर्नाटक मैं नया साल माना जाता है। उस दिन हिंदू कैलेंडर का पहला दिन है। सारा परिवार दोपहर को अच्छा खाना खाता हैं और शाम को मन्दिर जाते हैं। इस साल हम ने युगादी छे अप्रिल को मनाया।
शादी
पिछले साल मैं एक शादी में गया। मैं अपने माता-पिता के साथ मैसूर को गया मेरी चचेरी बहन की शादी पर। यह शादी तीन दिन चली। पहले दिन मेरी चचेरी बहन ने हाथों पर मेंहदी लगाई। इस दिन मेरा जीजा और उसका परिवार आया मैसूर को। मेरा परिवार उसके परिवार से मिला। दूसरे दिन शादी हूई। शादी में सात फेरे हुई। इस के बाद एक बडा उत्सव हुआ और कुछ नाचना-गाना हुआ। तीसरे दिन मेरी चचेरी बहन मेरे जीजा के साथ ससुराल को गयी।वह बहुत मजेदार है।
छुट्टियौं में
मैं अपनी छुट्टियौं में अपने घर को वापस गया। मेरा घर बाय सिटी में है। मैं एक हफते के लिए वहाँ गया। बाय सिटी में मैं अपने दोस्तों से मिला। इसी प्रकार मैं ने बहुत अच्छा खाना खाया। मेरी छुट्टियौं बहुत दिलचस्प थी लेकिन मैं ने पढाई नहीं की। मैं ने अपने परिवार के साथ कुछ फिल्में देखी। और मैं ने अस्पताल मी कुछ काम किया। मेरे पिता जी के साथ।
Thursday, 10 April 2008
raakhi
भारत में राखी एक बड़ी त्यौहार है. उस दिन पर बहन भाई की कलाई को राखी बाँधा जाता ह. बहन भाई को रखी देहती और भाई बहन को रकषण देहता. मुझ को बहन नही है, लेकिन फिर भी रखी मना सकता. क्योकि मेरी परिवार भारत में हर साल दो-टिन रखी बैज्ती. रखी सब रंग में आती है लेकिन मेरा परिवार लाल राखी बजती है. मुझे कुछ और रंग कभी नही पहनती. बचपन में मेरी माता और उसकी बहन भाई राखी मना किया. राखी शरावण में होती है. राखी के सात बहन और भाई प्रसादी और मिठाई देहती. मुझे राखी बहुत अच्छा लगता क्योकि यह एक बाड़ी हिन्दुस्तानी त्यौहार है, अमेरिकन त्यौहार नही है. राखी पर मेरी मति बहुत अच्छा हिन्दुस्तानी खाना बनाती है, और मुझे अपने माता का खाना बहुत अच्छा लगता.
Wednesday, 9 April 2008
नवरात्रि
एक गुजराती त्यौहार नवरात्रि है। इस त्यौहार में सब लोग नाचते है। लोग एक गुजराती नाच करते है। नाच का नाम रास गरबा है। नवरात्रि नौ दिन के लिए है। नौ दिन है क्योकि दुर्गा, एक देवी, एक राक्षस को मारा और नौ दिन में राक्षस मर गया। रास गरबा इसका लक्षण है, दुर्गा और राक्षस का झगडा। रास गरबा में दुर्गा का फोटो होता है। नवरात्रि आने पर सारा लोग बहुत रंगीन कपड़े पहनते हैं। जब मैं मानते हूँ मेरा सारा परिवार मेरा घर पर आकर रात का खाना खाते है। खाने के बाद हम सब रास गरबा करना जाता है।
लोहरी
हर साल नोर्त इन्दीआ मे लोग लोहरी मनाते हैं . लोहरी जनवरी मे है. लोहरी आग कि त्योहार है. इस लिए गांव के लोग एक अलाव बनाते है. रात पर लोग चावल और पोपकॉरन आग मे दालते है. सब गाने गाते ह, नाचते है , अच्छा खाना खाते है, और नये कपडे पहनते है. जिस लोग साल मे शादी किये य बच्चे पेदा हुअ, लोहरी ज्यादा खास है . क़्यों कि लोहरी उपकाऊपन के लिए है . लोग प्रताप के लिए अलाव से पुजा करते है.
Tuesday, 8 April 2008
वैसाखी
वैसाखी पंजाब का पुराना त्यौहार है जो फसल काटने की ऋतु शुरू होने पर यानी के १३ अप्रैल को मनाया जाता है। वैसाखी सिख धरम के लोगों के लिए एक महत्वपूरण दिन है क्यूंकि इस दिन सन् १६९९ को खालसा पंथ का स्थापन हुआ था। पंजाब के अलावा उत्तर भारत के और भी कई राज्यों में यह त्यौहार मनाया जाता है, जैसे की हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश।
सिखों के लिए यह दिन और भी महत्वपूरण है क्यूंकि इस दिन आनंदपुर साहिब में अकाल खालसा की स्थापना हुई थी। मुग़लों के ख़िलाफ़ संघर्ष में अकाल खालसा ने बहुत बड़ी भूमिका अदा की।
वैसाखी के दिन हज़ारों लोग गुरुद्वारे जाते हैं। कई शहरों में जलूस निकाले जाते हैं। इस दिन सारी दुनिया में पंजाबी और सिख लोग गुरुओं की सीख याद करते हैं और खालसा का जन्मदिन धूम धाम से मनाते हैं।
हिमाचल प्रदेश में इस दिन हिन्दू देवी ज्वालामुखी की पूजा की जाती है और बिहार में लोग सूर्य देवता की पूजा करते हैं। असम में यह दिन रोंगली बिहू , बंगाल में नबा बर्षा, तमिल नाडू में पुथांडू और केरला में विशु के नाम से मनाया जाता है।
कई लोग यह सोचते हैं की वैसाखी सिर्फ़ सिखों का त्यौहार है और यह दिन सिख "कैलेंडर" का पहला दिन है, लेकिन ऐसा नही है।
सिखों के लिए यह दिन और भी महत्वपूरण है क्यूंकि इस दिन आनंदपुर साहिब में अकाल खालसा की स्थापना हुई थी। मुग़लों के ख़िलाफ़ संघर्ष में अकाल खालसा ने बहुत बड़ी भूमिका अदा की।
वैसाखी के दिन हज़ारों लोग गुरुद्वारे जाते हैं। कई शहरों में जलूस निकाले जाते हैं। इस दिन सारी दुनिया में पंजाबी और सिख लोग गुरुओं की सीख याद करते हैं और खालसा का जन्मदिन धूम धाम से मनाते हैं।
हिमाचल प्रदेश में इस दिन हिन्दू देवी ज्वालामुखी की पूजा की जाती है और बिहार में लोग सूर्य देवता की पूजा करते हैं। असम में यह दिन रोंगली बिहू , बंगाल में नबा बर्षा, तमिल नाडू में पुथांडू और केरला में विशु के नाम से मनाया जाता है।
कई लोग यह सोचते हैं की वैसाखी सिर्फ़ सिखों का त्यौहार है और यह दिन सिख "कैलेंडर" का पहला दिन है, लेकिन ऐसा नही है।
uttaran
भारत में कई त्यौहार मनाये जाते है। मेरे सबसे पसंद का त्यौहार है उत्तरण, या पतंग को जुटाना। मैंने सिर्फ़ दो बार मेरी ज़िंदगी में किया है। लेकिन हर बार मुझे बहुतं मज़ा आता है। भारत में मैं और मेरा परिवार हमारी छत्त पर पतंग जुटते थे। जब में छोटा था टैब मेरे मामा जुटते और फिर थोडी थोडी देर के लिए मुझे देते और फिर जब निचे गिरने वाली हो तो लेलेते। पिछले बार जब मैं गया था भारत तो मुझे बहुत अच्छा लगा पतंग जुटाना। बस एक समस्या थी मेरी, मुझे बहुत तकलीफ हुई आसमान में पहुंचना पतंग को। अगली बार जब में भारत जाऊंगा तो मैं सीखना चाहता हूँ कैसे आसमान में पहुँचाना। पतंग लडाना भी मुझे अच्छा लगता है। अगली बार जब मैं भारत जाऊंगा तब मैं चाहूँगा कि पतंग जुटाना सिख्लूँ और पतंग लडाना भी थिक से सिख्लूँ।
सिन्धियौं का साल
सिंधी लोग बहुत देशों में रेहते हैं. लेकिन वे अपने संस्कृति नहीं भूले हैं. चेटी चन्द्र सिंधिजौं का न्जा साल शुरू करता है. इस साल अप्रेल चः में आया. झुलेलाल, जो सिंधी का संत है, का जन्म दिन चेटी चन्द्र पर आता है. लोग धूमधाम से मनत है. उस दिन लोग पानी को पूजा करत हैं. सिन्धी के लिये पानी जीवन देता हैं. चालीस दिन के लिये लोग अकेले रेहते हें और पूजा करते हैं. चेटी चन्द्र के दिन सिन्धी लोग कहते हैं " चेटी चन्द्र जो लख लख वदयुं आतव."
रखी
भारत में हिन्दुस्तानी से रक्षा बन्धन मनाते हैं. इस दिन के बरे में भाई-बहन का प्यार बाट्ते हैं. बहन को उसका भाई का कलाई पर रखी बंधते हैं. जब बहन अपना भाई के हाथ पर रखी बंधती है उस समय वह प्यार से गाना भी गाती है. फ़िर आर्थी उपरती है फ़िर मू नीटा करती है. तुब भाई अपना परफ से बहन को पैसा नही तो इनाम देते है. यह त्यौहार साल में एक बार आती है. श्रावण महीने में मानते है. इस त्यौहार के लिए बहन ख़ुद अपनी हाथो से मिटाइयाँ बनती है. जिस बहन के पास भाई नही है, वह रखी चचेरा भाई को बंधती है. और भाई के पास बहन ना हो, उनके चचेरी बहन बंधती है. इस रक्षा बन्धन के मतलब है जब बहन तभी भी मुश्कील में हो, तब् उसका भाई मदद करेगा.
करवा चौत
भारत में औरतों के लिए सबसे पवित्र दिन करवा चौत है। इस दिन भर्तियाँ औरतें अपने पती की लम्भी उमर के लिए व्रत रखती है। वह पूरे दिन एक बूँद पानी नही पीती और भोषण भी नही करती। शाम को सब औरतें मिलकर थालियों में दिए और फल रखती है और करवा चौत माता की कहानी सुनती है। रात को वह चाँद देखकर अपने व्रत खोलती है। करवा चौत बहुत प्रेम और खुशी से मनाया जाता है। सब शादी शुधा औरतें खूब घेने और रंगीन कपड़े पहनकर भगवन से अपने पती की प्राथना करती है। उनकी मांग सिन्दूर से भरी होती है और वह लाल चुरियाँ पहनती है नई नवेली दुलहन की तरह। करवा चौत सब त्यौहरो से अलग है क्योंकी यह सच्चे प्रेम की परीक्षा है हर पती पत्नी के बीच।
गर्बा न्रत्य
नवां शताब्दी में गुजरात को चार प्रभाग बनाया गया था। ये चार प्रदेशो के नाम थे सौराष्ट्र, कच्छ, आनार्ता और लात। रास, गार्बा, हुडो और टिपण्णी सौराष्ट्र के नृत्य थे। गर्बा आनार्ता मे भी नाचते थे। लेकिन भारत में आजकल सभी लोग रास और गर्बा नाचते हैं। गुजराती शादियों में गर्बा और रास नृत्य शादी के पहले नचाते हैं। आज मैं गर्बा के बारे में लिखूंगी।
गर्बा नृत्य गुजरात कि एक लोक नृत्य है। यह सुंदर नृत्य श्री कृष्ण और उनकी गोपियों की रास लीला सें जुडे है। औरते के द्वारा नवरात्रि की रात में गर्बा किया जाता है। शरद पूर्णिमा, वसंत पूर्णिमा और होली के दिनों में भी गर्बा प्रसिद्ध है। गर्बा शब्द गर्बा-दीप सें आया है जिसका अर्थ है मिट्टी के बरतन में दीप। इस नृत्य में औरते दिपावाला बरतन उनके माथे पर रखती हैं और चक्कर में नाचती हैं। नाचने के साथ साथ वे गाती भी हैं और ताली भी बजाती हैं। गर्बा के कपड़े रंगबिरंगे होते है। नाचने और गाने के लिए लोक-संगीत भी होता है। नवरात्रि पूजा में औरते आदमी और बच्चे भी गर्बा करते है। गर्बा के गाने अम्बा माता, एक देवी, की स्तुति है जिसमे उनकी शक्ति, रूप और लोगो की प्रार्थना होती है।
हमारे शहर मे हिंदू समाज है और उसके द्वारा नवरात्री मनाया जाता है। जब मैं जवान थी तो हर साल नवरात्रि के रात में मैनें गर्बा करती थी। नाचने में मुझे बहुत मज़ा आता था और होड़ में मुझे पुरस्कार भी मिले रंगीन चन्या चोली पहनकर मैं सारी रात नाचती थी। मेरी यादोँ में मुझे नवरात्री में गर्बा किए हुए पंद्रह साल हो गए। हर साल में चाहती हूँ कि इस साल मैं जरुर नाचूंगी लेकिन कोइ न कोइ रुकावट आजाती है। अगले साल एक शादी में मैं खूब नाच सकती हूँ। शायद अगले हफते जब मेरे दोस्त के शादी हो, मैं गर्बा नाच सकूंगी।
Saturday, 5 April 2008
बोलीवूद होलीवूद
होल्लीवूद बोलीवूद से सबसे अच्छा है।
१ बोलीवूद में बहोत नाच हैं।
२ बोलीवूद के संगीत सबसे अच्छा हैं।
३ हर साल, बोलीवूद होलीवूद से ज़्यादा फ़िल्म बनाते हैं।
४ बोलीवूद फिल्में के अर्थ बहुत आसान हैं।
५ बोलीवूद फिल्में बहुत रंगीन हैं।
१ बोलीवूद में बहोत नाच हैं।
२ बोलीवूद के संगीत सबसे अच्छा हैं।
३ हर साल, बोलीवूद होलीवूद से ज़्यादा फ़िल्म बनाते हैं।
४ बोलीवूद फिल्में के अर्थ बहुत आसान हैं।
५ बोलीवूद फिल्में बहुत रंगीन हैं।
ओणम
ओणम केरला में मनाते है। ओनुम सितम्बर में आता है। केरला में इस महीना का नाम चिन्गम है। दस दिन पहले से लोग अपने घरके सामने कली के साथ रंगोली बनाते हैं। अन्तिम तीन दिन ओणम है। उन दिनों में पहला से बडा रंगोली बनाते हैं। लोग बहुत खाना खाता है। वे अवील, खला चिप, और खीर पकाते है। ओणम महाबली राजा के बारे में हैं। वे एक अच्छा राजा था। महा विष्णु उसके बारे में सुनकर एक अभिलाषा दीया। अब हर साल ओणम में उसका लोगों को मिलता हैं।
Wednesday, 2 April 2008
Assignments to End of Semester
Thursday (tomorrow): diwali and holi vocab word game
Monday: debate
homework 19: diwali holi coursepack homework
Wednesday: homework 20 festival blog + printout due
record conversation with participle construction
Monday: debate
homework 19: diwali holi coursepack homework
Wednesday: homework 20 festival blog + printout due
record conversation with participle construction
शादी
भारतीय शादियों बहुत लम्बी होती हैं। परिवार के सभी लोग आते हैं। और शादी वाले घर में रहते हैं बहुत तरह के खाना बनते हैं। भारत के सभी धमो में शादियों अलग-अलग तरह से होती हैं। करेला में शादी वाले दिन दूल्हा धोङे पर आता हैं। पुजारी यह शादी धरता और आशीष देता है। दुल्हन शादी के बाद समुशल जाती हैं।
Tuesday, 1 April 2008
Shaadi
शादी के समय लोग बहुत खुश होते है और बहुत तरीकों से मनाई जा सकती है। लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को बुलाते है और सब लोग मिलकर बधाई देते है। शादी के एक दिन पहेले दुल्हन अपने हाथ और पैरों पर मेंहदी लगाती है। शादी के दिन दूल्हा अपने घर से बरात लेकर आता है और दुल्हन डोली मे बैठकर आती है। शादी मे पंडित जी मंत्र पड़ते है और दूल्हा और दुल्हन फेरे चलते है। शादी के बाद, दूल्हा और दुल्हन आशीर्वाद लेकर दुल्हे के घर जाता है। शादी के बाद सब लोग सलेब्राते करना के लिए एक रिसेप्शन रखते है जहाँ लोग डिनर करते है और दूल्हा और दुल्हन के बारे में बातें होती है।
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