Tuesday, 15 April 2008
राज्पत शादी
प्र्न्प्रग्त राज्पत शादी साथ पीढियाँ से की जाती हैँ। इस शादी भी की साथ सरेमोनी हैँ। पहले सरेमोनी तिलक हैँ, दुसरे बान हैँ, अगले मल, टू, निकासी, सहला अउउर धुकाव, ऑउर आखिरी सैट फेरे हैँ। आदमी एक शेरवानी और उनका तुर्बन पता हैँ। औरत बहुत सुंदर पहनावा पहती हैँ। रंग-रंगीली लहंगा, ओधानी, कूर्टी, वगैरा पहती हैँ। उसके माथा पर रखदी पहती हैँ, उसके मुख्य पर शीस्फुल रकती हैँ , उसकी गरदन के बरे में मोटा आड़ हैँ। उसकी बांहों पर बाजु पहती, और उसके टखने पर पाजेब पहती। औरतीं बहुत-बहुत शादी की तैयारी करती हैं.
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