Tuesday 4 November 2008

Marriage Moblog 32

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1 comment:

Ekta said...

मैं यह अंकल से बिल्कुल सहमत हु। पुराने ज़माने में लोग लड़का लड़की की मर्ज़ी नहीँ पूछते थे और यह ठीक नहीँ था। दोनों रीतो में कोई अच्छी और कोई बुरी बात है। अंकल कहते है की प्रेम विवाह में कभी-कभी सब की मर्जी नहीँ होती खास कर के माँ-बाप की लेकिन यह प्रेम विवाह का दोष नहीँ है, बच्चो का दोष है। मुझे लगता है की ठीक वोही है जिस्म सब की अनुमति हो और खास कर के बच्चो की क्योंकि शादी उनको ही करनी है अंत में।