Tuesday 25 March 2008

शादी

शादी में समय लोग खूब खुश होते हैं. इस खुशी के कारण लोगों छोटी-मोटी खेल बनाते है. जब दुहला लड़की के घर आता है तब वह अपने जूते उतारता है. तब दुलहन की छोटी बहन उन जुते को चुरा लेती है. दुहला को अपने जुते वापस मिलेंगें जब वह पैसा देगा. अक्सर दुहले के भाइयों और दोस्तों जुते को हमेशा ध्यान से देखते हैं.
जब मेरे मां-पिता शादी किये तब मेरी मां की छोटी बहन मेरे पिता-जी के जूते चुराने कि कोशिश की. लेकिन मेरे चाचा ने ठीक से जूते समाले. मेरी मौसी को पैसा नहीं मिला. लेकिन साब लोगों को बहुत खुशी आई.

शादी

गुजरात में शादी बहुत बडी है। दिनों के लिए चलती है। पहले दुलहन और उसकी सारी सहेलिया मेंहदी लगाती है हाथो और पावो पर कई तरह के नमूने बनाती है। अगले दिन एक नाच- गाने की पार्टि होती है। सारे लोग गुजराती नाच करते हैं, नाम गरबा-रास। गरबा-रास में बहुत मजा आता है। गुजराती शादी बरात भी होती। दुल्हा एक घोडी पर बैठ कर आता और उसके सारे रिश्तेदार नाचते-गाते आते है। एक ब्रह्मण दोनों की शादी करता है। शादी के बाद एक रिसेप्शन होता है। सब लोग बहुत मजा करते हैं। और बहुत अच्छा खाना होता है। दुलहन-दुल्हा के परिवार और अच्छे दोस्त भाषण देते है। भाषण और खाने के बाद दुलहन-दुल्हा केक कांटते। बाद में एक डोले जाती है, दुलहन का परिवार बहुत उदास होता है। क्योकि उनकी बेटी उनका घर छोड़कर सास के घर जाती है।

शादी

अगले साल मेरी बड़ी चचेरी बहन शादी करेगी. उसका नाम अबिरामी है. मैं उसके मँगेतर का नाम नही जानती हूँ, लेकिन मेने कुछ तस्वीरें देखी. वे लोग एंजेलेस में रहते हैं, लेकिन वे हिन्दुस्तानी की शादी करना चाहते है.
मेरी चचेरी बहन की साड़ी रेशमी और लाल है. उसकी साड़ी पर सोने डोरे, मोतियाँ, और, छोटे छोटे शीशे हैं. मैं और मेरी बहनों को अपनी दीदी की साड़ी बहुत पसंद हैं. अबिरामी को मेंहदी लगना चाहिए. उसको सुंदर सोने गहने भी पहनने चाहिए, लेकिन मेरी फूफी कहती है कि बहुत गहने महेंगे हैं.
मेरे परिवार को दो साल पहले लोगों ने निमंत्रण भेजे. मंदिर लोस एंजेलेस में है. मंदिर बहुत बड़ा और सुंदर है. अगर सुभी लोग आयेंगे, तो दीदी खुश होगी. मेरा पूरा परिवार आयेंगें: मेरे दादा, दादी, मासियाँ और मौसे.
शादी से पहेले, मुझे नया लहंगा चाहिए. हिन्दुस्तानी शादी में सभी लोग सुंदर कपड़े पहनते हैं. मेरा माता कहती है कि उसको नया लहंगा और सलवार खरीदनी शादी से पहले मेरे लिए.
मेरे ख्याल में, दीदी की शादी बहुत मजेदार होगी!

Monday 24 March 2008

शादी

पिछल गर्मी में मैंने अपने दोस्त की शादी गी. एक हिन्दुस्तानी शादी और एक अमेरिकन शादी बहुत अलग है. हिन्दुस्तानी शादी एक दिन मैं कभी नही होती, कभी- कभी एक शादी एक हफ्ते लगते. मेरा दोस्त की शादी में बारात था. बारात शादी की पहले होती. बारात में सब लोग मनाते की लार्के की परिवार आगया. मेरा दोस्त बारात में हाथी पर आया. कितने बड़े वह हाथी था! उसका परिवार, मेरे दोस्त, और में भंग्र घाना बजाये और सब लोग बहुत नचाये किए! वह बारात बहुत मजा था.

शादी की बाद रिसेप्शन था. वह भी अक्तेम मजा था. रिसेप्शन में बहुत अच्छे खाने था. खाने के बाद, मेरा दोस्त और उसकी नई पतनी के सत नचाया किया. वह रिसेप्शन टिन बजे कतम हुआ. मुझे शादी बहुत पसंद है.

शादी

पिछले साल मेरी चचेरी बहन ने एक लडके के साथ् शादी की. उनके शादी बहुत मजेदार थी. हमने गाने गये, बहत नाचे, और बहुत मजे किये. हमारे एक परंपरा है. जब दुल्हा शादी तक पहंचता, तब लडकी वाले दुल्हे का जूते चोरी करने की कोशिश करे. फिर दुल्हा लडकी वालो को पेसे देते, और जूते वापस मिलते. मेरी चचेरी बहन की शादी पर हमें बहुत पेसे मिले, और हमने सिर्फ एक जूता चोरी किया.




Sunday 23 March 2008

भारतीय शादी के खेल

भारतीय शादियों में दूल्हे और दुल्हन और उनके परिवारों के बीच खेल खेलने का रिवाज़ बहुत पुराना है। मनोरंजन के साथ साथ यह खेल दूल्हे के परिवार और नई बहु को करीब लाते हैं। भारत के अलग-अलग राज्यों मैं अलग-अलग खेलों के रिवाज़ हैं। में सिर्फ़ उन्ही खेलों का वर्णन करूंगी जो हमारे खानदान में शादी के बाद दूल्हे के घर में बहु का स्वागत करने के लिए खेले जाते हैं।
एक बहुत लोकप्रिय खेल है दूध के मटके में से अंगूठी ढूँढने का। दूल्हा और दुल्हन अपनी अंगूठियां उतारकर एक दूध या रंगदार पानी से भरे मटके में डाल देते हैं। फ़िर दोनों को अपने हाथ एक साथ मटके में डालकर अंगूठी खोजनी पड़ती है। जो पहले अपनी अंगूठी ढूँढ लेता है, वेह खेल जीत लेता है।
एक खेल है गाँठ खोलने का। दूल्हे की बहन दूल्हे और दुल्हन की कलाइयों पर एक धागा गाँठ में बाँध देती है। दुल्हे और दुल्हन को सिर्फ़ एक हाथ से एक दूसरे की गाँठ खोलनी होती है। जो पहले गाँठ खोल लेता है, वोही जीतता है।
एक और खेल है जिसमें शादी शुदा लोग खेलते हैं। औरतें और मर्द एक दूसरे की तरफ़ पीठ कर के खडे हो जाते हैं। फ़िर औरतें एक एक करके, बिना अपने पती का नाम लिए पुकार लगाती हैं। पती को अपनी पत्नी की आवाज़ सुनकर पहचानना होता है।
एक और खेल है जिसमे दूल्हा और दुल्हन बारी-बारी से अपनी मुट्ठी बंद करते हैं और दूसरे को मुट्ठी में से अंगूठा खींचकर बाहर निकालना होता है।

गुजरती शादी (या लगन)


गुजरात में जो लोग शादी सनातन संस्कृति के अनुसार करते हैं वे कुछ शादी के नियम भी मानते हैं. में आज यहॉ शादी के दो नियमों के बारे में बात करुगी. पुराने काल में लडकी के मात और पिता जी उस्की शादी की तैयारी बहुत साल पहले शुरु करते थे. छोटी मोटी चीजें संग्रह करके अपनी बेटी को स्त्रीधन के रुपे में देते थें. आजकल गुजरात में स्त्रीधन मोसालु नाम से जाना जाता है. मूलतः स्त्रीधन और मोसालु एक ही है. एक-दो दिन शादी से पहले दुल्हन के मामा जी अपनी भांजी को एक बडा उपहार पेश करते हैं. इस उपहार में कपड़े, गहने और सबसे खास पानेतर साड़ी होती है. पानेतर सफेद और लाल रंग की साड़ी होती है. इस रीति में चूड़ो भी देना पड़ता है. चूड़ो हिन्दी में चूड़ी कहा जाता है. उपहार देने से पहले दोनों माता पिता जी दुल्हन और दूल्हा उनसे गृह शान्ति हवन या होम कराया जाता है। इस हवन में माता और पिता जी प्रार्थना करते है की उनके बच्चे साथ साथ सदैव खुश रहे और जल्दी से नाता या पोता बनाये. इस पूजा के अन्त में नारियल का बलिदान होता है। लेकिन एक पूजा नहीं होती है दो होती है एक दुल्हे के घर में और एक दुल्हन के घर में।

Friday 21 March 2008

शादी का निमंत्रण

पिछले साल मैं अपने परिवार के साथ एक शादी मैं गई। मेरे पापा के दोस्त के बेटे की शादी शिकागो में थी। उन्होने वहाँ शादी बड़े धूम धम से की। वहाँ आट या नो सो लोग आए होंगे जिस में दुलहा और दुलहन के रिश्तेदार भी थे। वहाँ सबसे पहले संगीत और घर्भा हुआ जिस मे सब लड़कियाँ ने मिलकर घर्भा किया और गीत गए। वहाँ मुझे घर्भा बहुत अच्छा लगा। संगीत के बाद अगले दिन शादी हूई। हम सब बरात मे शामिल थे और दुलहा घोडी पर चड़ा। फिर दुलहा और दुलहन मंडक पर बह्टे और उन्होने एक दुसरे को माला चडाई और अगनी के फेरे लिए। वहाँ दुलहन की मेहंदी बहुत गहरी रची थी और लड़किवालों ने मंडक बहुत अच्छा सजाया था। शादी के बाद दुलहन डोली में बेटकर अपने मायका से बिदा हूई। शाम को लड़केवालों ने रिसेप्शन रखा। वहाँ बहुत भाषण दिए और नाच गाने हुए। शादी में कई तरह की मिठाईयां थी और खाना बहुत स्वाद था। जाने के सम्हे उन्होने मिठाईयां सब को बाटी। मुझे शादी में बहुत मज़ा आया। एक दिन मेरी भी शादी ऐसे धूम धम से होगी।

Sunday 16 March 2008

छुट्टी

छुट्टी में मै जादातर घर रही । घर पर मैने आराम किया और दोसतों के साथ घुमा । मुझे बहुत अच्छा खाना खाने को मिला । फिर तीन दिन के लिये मै बोस्तैन गई । वहाँ मेरी बूआ रहेती है । बोस्तैन सुंदर है । मै अपने गोस्त से मिली । वो बोस्तैन में हार्वर्ड जाता है । उसने मुझे अपना कैमपस दिखाया । बोस्तैन में सारी चीजे बहुत महैंगी थी । मैने ज्यादा कुछ नही खरीदा । मेरी बूआ के पास एक छोटी बेटी थी । वो एक साल की थी । मै ओर मेरे भाई ने उसके साथ बहुत खेला । जब मै वापिस बोस्तैन से आई मुझे उसकी बहुत याद आई ।

छुट्टी

इस छुट्टी में मैं "पुएत्रो वलार्ता" गयी. पुएर्तो वलार्ता बहुत सुंदर है, लेकिन मैं स्पेनिश नही समझती. मैं अपने दोसतों के साथ गयी . मुझे छुट्टी बहुत पसंद है और मेरे दोस्त बोहुत अच्छे हैं. हम लोग बहुत चीज़ें करते थे: हम तैरते थे, खेलते थे, खरीदते थे, और, सोते थे. लेकिन, मेक्सिकन खाना सबसे अच्छा था. हर दिन, में नाचोस खाती थी. मेक्सिकां खाना तीखा और सस्ता है! मुझे मैकसीकन खाना बोहुत पसंद है: मैंने "वेल्स" और "डोल्फिन्स" देखी! सुब लोग मेक्सिको में "नमस्ते" बोलते है. उनके बहुत मित्र हैं. मेक्सिकां लोगों को हिन्दुस्तानी लोग पसंद हैं! मेरी पिछली छुट्टी सबसे अच्छी है. अगले साल मुझे मेक्सिको दुबारा जाना चाहिए.

Monday 10 March 2008

स्प्रिंग ब्रेक

इस छुट्टी में मैं भारत गया. यातरा बहुत लंबा था और हवाई जहाज की कुर्सी छोटी थी. पहला मैं ने मुम्बई गया. उदार, मेरे कोउसिंस के साथ उस शहर को देखा. मुम्बई में बहुत रेस्तौरंट्स में खाया, अत्त्रक्टिओंस देखा, क्रिकेट खेला, और सरे जानते सोया. मुम्बई के बाद, मैं ने सुंदरबन गया. दो दिन के लिए मेरे मामा, कोउसिंस, और मैं एक नाव पर रहा था. नाव पर बहुत जनतु देखे. उस के बाद, मैं ने कलकत्ता गया. उस शहर में मेरा परिवार के पास रहा. इदर, बहुत अच्छा खाना खाया, गमेस खेला, और फ़िल्म देखे. यह छुट्टी बहुत अच्छी थी, लेकिन चौती थी.

Thursday 6 March 2008

बंसत की छुटियां

पिछले हफते मै बंसत की छुटियां पर थी. शनिवार से बुधवार तक मै घर पर थी. घहां मैने बहुत फिल्मे देखी, दोस्तो से मिली, और बहुत सोयी. मैने जोधा अक्बर और तारे जमीन पर देखी . दोनो बहुत अच्छी थी . हित्रिक रोशन और आमिर खान मेरे मनपसंद हीरो है. फिर, गुरुवार रविवार तक मैने एक क्रूज पर गई, मेरे चचेरे भाई ओर बहिनो के साथ् . हम बहामास गये. मौसम बहुत अच्छा था. हमने बहुत मजे किये. हम करीओकी गये थे, बीच पर लेटे थे, और कसीनो मे ब्लेकजैक खेले थे . मैने चालीस डालर जीते. अगले साल मैं फिर जांऊगी.

Wednesday 5 March 2008

मेरा स्प्रीन्ग ब्रेक पर मैं उर्मिल से मिली

इस बसंत की छुट्टी पर मैं रेल से आयोवा गई थी. मैं आयोवा सिटी में मेरे दोस्तों के घर पर रुखी. जहां शिकागो में रेल रुकी वहां मैंने रेल छोड़ दी. शिकागो में मेरी दिल्ली की सहेली मकन्जी रहती है, तो मैं उससे मिली. एक रात मैं मकन्जी के घर पर रुखी.
मकन्जी ने एक गुजराती बुढि़या से अंग्रेजी पढ़ी है. बुढि़या का नाम उर्मिला हैं. जब मैं शिकागो पहुंची तो मकन्‍जी और मैं उर्मिला से मिलीं. हमारे लिए उस बुढि़या ने चाय बनाई और हम तीनों ने अच्छी बातचीत की. टी.वी. पर एक बहुत बड़ी या बढि़या बॉलीवुड की फिल्म थी. हम भारत-वाले नाचने के बारे में बोल रही थी, तो फिर उर्मिला ने हम सबके लिये उसका मनपसंद नाच दिखाया.
जब हम चाय पी चुकी थी तब मकन्जी स्कूल का काम करना चाह्ता था, तो उसने उर्मिला और मुझे छोडा. मै उर्मिला के घर में रुकी. मैंने हमारे लिये दो और प्‍याले चाय के बनाने शुरु किये.

स्प्रिंग ब्रेक

मेरी स्प्रिंग ब्रेक बहुत ख़राब थीमेरे अपार्टमेंट में खटमल थेमुझे कीड़े-मकौडों से बहुत डर लगता है, इस कारण मैंने पूरी स्प्रिंग ब्रेक "एंजल हॉल" और पुस्तकालय में बितायीमें सारी रात कंप्यूटर पर खेलती थी, और बीच-बीच में झपकी ले लेती थीइतना ही नहीं, मेरी आँखों में इन्फेक्शन हो गयामुझे रोज़ सुबह डॉक्टर को मिलने जाना पड़ता थाडॉक्टर ने मुझे बताया की मेरी आँखों में "कोर्नेअल अल्सर" था, जो की बहुत गंभीर बीमारी हैइन्फेक्शन के कारण मुझे बहुत महंगी दवाई लेनी पड़ी जो मुझे हर घंटे के अन्तर पर अपनी आँखों में डालनी पड़ती थीदवाई के कारण इन्फेक्शन धीरे-धीरे कम होता गयाशुक्रवार को "exterminator" ने मेरा अपार्टमेंट "treat" कर दियाआखिरकार, एक हफ्ते बाद में अपने अपार्टमेंट में सो सकीसप्ताहांत में मुझे सारा स्कूल का काम करना पड़ा।

Tuesday 4 March 2008

मेरी छुट्टियां

मेरी छुट्टियाँ अच्छी कटी थी। मै अपने परिवार से मिलने गई थी। मेरी माँ और पापा मुझसे मिलकर बहुत खुश हुए। मै उनसे दो महीने बाद मिलने गई। मेरा भाई भी मुझे देखकर खुश हुआ। मैंने छुट्टियों में बहुत बॉलीवुड फिल्में देखी और शोप्पिंग भी की। मेरी माँ ने मेरे लिए बहुत चटपटा खाना बनाया। हम बाहर घूमने तो नही जा सके क्यों की बहुत बरफ पढ़ रही थी लेकिन घर में अपने परिवार के साथ रेहकर मुझे अच्छा लगा। हम सबने बहुत बातें की और वक्त कैसे गुज़र गया पता ही नही चला। मुझे हवाई अड्डा छोड़ने सब आए। जाने के समे मुझे बहुत बुरा लगा। मै अपने परिवार के साथ और वक्त बिताना चाहती थी। अगली बार मैं कम से कम दो तीन हफ्ते के लिए जाऊँगी।

Monday 3 March 2008

इस छुट्टी में मैं तेंनेस्सी (tennessee) को गया

इस छुट्टी में मैं तेंनेस्सी को गया। मैं अपने दोस्तों, जेफ़, अमी और केटी के साथ गया। पहला हमने जेफ़ के दोस्तों का गर में ठहरा। उनके साथ बहुत जमीन और एक कैबिन थे। हमने पहला रात कैबिन में ठहरा। अगले दिन हम अप्पलाशन मौन्तैन (appalachian mountains) को गये। सब दिन हमने मौन्तैन पर पैदल यात्रा की।
यह बहुत
ठंडा था, और मौसम बुरा था। बारिश और पाला हुआ। मौन्तैन पुर हम इराक (iraq) का फटोग्राफर मिले थे। वह बहुत दिलचस्प था। अगले दिन हमने क्नोक्स्विल (knoxville) होटल में ठहरा।
कल मैं गर को लौटा।

अवनी की छुटि

अपनी छुट्टी में मैं लंदन शहर वापस गयी थी। मुझे लंदन बहुत पसंद है क्योकि वहाँ मेरा सबसे अच्छा और ईमानदार दोस्त रहता है। लंदन में अमीत, मेरे दोस्त, ने मुझे बहुत खुश रखा। पहले दिन हम दोनों ने उसके माता और पिता जी के साथ एक पुराने पब में खाना खाया और उस रात हम अमीत के दोस्तों से मिले। हम सब को बहुत मजा आया। मुझे भी अच्छा लगा कि मुझे अमीत के दोस्तों के साथ बात करने के लिये मौका मिला। शनिवार रात को अमीत और हम नाचने के लिये एक प्रसिद्ध क्लब गए थे। वहाँ हम दोनों सारी रात नाचते रहे और इतवार को हम ने पूरा दिन आराम किया। सोमवार और मंगलवार को हम ने बाथ शहर में पर्यटन किया। वहाँ रोमांस ने बड़ा स्नानग्रह बनाया जहाँ लोग नहाते थे। आजकल उस स्नानग्रह में नहाना मना है। रोमांस का 'बाथ' जहाँ था वहाँ उस शहर का नाम बाथ ही बनाया गया। उस शहर में बहूत पुरानी इमारते है जो देखने में बहुत सुंदर है। लंदन वापस लौटने के बाद हम ने अमीत के परिवार के साथ बाहर एक ग्रीक रेस्तौरांत में खाना खाया और अगले दिन मैं और अमीत ने उसके परिवार के लिये भारतीय खाना पकाया। सब को हमारा खाना स्वादिष्ट लगा और इस लिये में बहुत ही खुश थी। एक हफ्ते के बाद मुझे यहाँ वापस आना पड़ा लेकिन अमीत को छोड़कर मै बहुत उदास हो गई।

Sunday 2 March 2008

छुट्टी में

इस छुट्टी में मैं घर गयी. घर जाकर मैं बहुत सोई और फिल्मो देखी. सबसे अच्छी फिल्म एक बौलीवुड की फिल्म होती. फिल्म का नाम जोधा अखबर था. कहनी एक राजकुमरी और एक राजा के बारेमें थी और उनके रिशता. इस फिल्म में बहुत हिन्दुस्तानी संस्क्रुत था.
छुट्टी में मेरा घर पर मेरा परीवार भी आया। हम सब रात का खाना के लिये भार गये और खाना के बाद हम ने पता खेला. मेरा परीवार मिशिगन में रहता है तो हम बहुत मिले.

बॉस्टन

इस छुट्टियौं में बॉस्टन गी एक हफते के लिये. पहिला दिन से मुझे इस शहर से प्यार हो गया. आलटरनटिव स्प्रिन्ग् बरेक के कारण मैं चौदह और लौगौं के साथ बॉस्टन गी. दिन में हम काम करते थे और शाम पर शहर घुमने जाते थे. काम पर हम गरीब लौगौं के लिये खाना बनाते थ और उन्के घर लेजाते थे. बॉस्टन में ठंडा थी लेकिन मिशीगन से गरम था. वहां बहुत पुराने ईमारते थे. देखने से लागता था कि वे ईमारते बहुत मेहनत से बानाए थे. शहर इतना पसन्द आया कि मुझे वहां एक दिन रेहना हैं.