भारतीय शादियों में दूल्हे और दुल्हन और उनके परिवारों के बीच खेल खेलने का रिवाज़ बहुत पुराना है। मनोरंजन के साथ साथ यह खेल दूल्हे के परिवार और नई बहु को करीब लाते हैं। भारत के अलग-अलग राज्यों मैं अलग-अलग खेलों के रिवाज़ हैं। में सिर्फ़ उन्ही खेलों का वर्णन करूंगी जो हमारे खानदान में शादी के बाद दूल्हे के घर में बहु का स्वागत करने के लिए खेले जाते हैं।
एक बहुत लोकप्रिय खेल है दूध के मटके में से अंगूठी ढूँढने का। दूल्हा और दुल्हन अपनी अंगूठियां उतारकर एक दूध या रंगदार पानी से भरे मटके में डाल देते हैं। फ़िर दोनों को अपने हाथ एक साथ मटके में डालकर अंगूठी खोजनी पड़ती है। जो पहले अपनी अंगूठी ढूँढ लेता है, वेह खेल जीत लेता है।
एक खेल है गाँठ खोलने का। दूल्हे की बहन दूल्हे और दुल्हन की कलाइयों पर एक धागा गाँठ में बाँध देती है। दुल्हे और दुल्हन को सिर्फ़ एक हाथ से एक दूसरे की गाँठ खोलनी होती है। जो पहले गाँठ खोल लेता है, वोही जीतता है।
एक और खेल है जिसमें शादी शुदा लोग खेलते हैं। औरतें और मर्द एक दूसरे की तरफ़ पीठ कर के खडे हो जाते हैं। फ़िर औरतें एक एक करके, बिना अपने पती का नाम लिए पुकार लगाती हैं। पती को अपनी पत्नी की आवाज़ सुनकर पहचानना होता है।
एक और खेल है जिसमे दूल्हा और दुल्हन बारी-बारी से अपनी मुट्ठी बंद करते हैं और दूसरे को मुट्ठी में से अंगूठा खींचकर बाहर निकालना होता है।
Sunday 23 March 2008
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