Sunday, 5 October 2008

मेरी मन पसंद किताब


मुझे बचपन से पढने का शौक नही था। लेकिन मुझे एक किताब बहुत पसंद है-- भगवद गीता। यह किताब, वज़न में नही, मगर अर्थ में भारी है। यह किताब सब को जीने की राह सीखाती है। महभारत के युद्ध दरम्यान जब अर्जुन को दुविधा हुई, तब भगवान कृष्ण ने उपदेश के रूप में भगवद गीत सुनाई थी। यह किताब में कृष्ण भगवान किसान है और ऊपनिषद गाय। भगवान दूध गाय से निकालतें है और अर्जुन की मन की तरस संतुष्ट करता है। गीता रुपी दूध से अर्जुन के मन से दुविधा दूर हो जाती है और वह पुरे ध्यान और उद्देश्य से लड़ता है। सभी लोगो के ह्रदय में अछ्छाई और बुराई का युद्ध चलता रहता हैं। गीता पढने से मेरे मन में जो सवाल उठतें हैं उनके जवाबमील जाते हैं।

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अनुज शाह

1 comment:

Nisha Sheth said...

अनुज, यह भगवद गीता अच्छी कहानी लगती है। मेरी माँ मुझे बचपन से गीता सुनती थी। लेकिन मुझे बहुत कठिन लगती थी। एक मुझे सवाल है; गीता कहानी है और कविता है? और दोनों है?

-निशा शेठ