Monday, 6 October 2008

"मदपई "

मेरी मनपसंद किताब का नम "मदपई " है। बहुत चोटी है लेकिन मेरे बडे भाई ने इस किताब के साथ मुझे पढना पढाये। बचपन में हर रोज उन हो ने मुझे "मदपई" पढा। बहुत महीने के बाद मैं ने यह किताब उनको पढी। यह किताब मेरा घर का कमरा में रखती हूँ। कभी कभी जब भाई और मैं घर आते, हम "मदपई" निकलते है। जब मैं शबद नहीं पढ सकती थी ती मझ पर हसते थे। यह किताब पसंद करती हूँ क्योंकि मेरा बचपन याद आता है। जब मैं "मदपई " पढता हूँ, मैं अपना परिवार को याद करती हूँ। एक दिन मैं यह किताब को अपने बच़़चों के लिए पढूँगी।

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