जब मैं छोटी थी तब मैं बहुत किताबें पढ़ती थी। आज-कल मुझे ज्यादाकिताबें पढ़ने का शौक नही है। फिर भी, मुझे अब भी सिधार्थ ''Siddartha'' सबसेअच्छीकिताबलगताहै। मैं ज्यादा किताबें नही खरीद ती हूँ पर मेरे पास सिधार्थ की प्रति है। यह किताब एक पुरानी किताब है जो मेरे जन्म से भी पहले लिखी गई थी। सिधार्थ एक भारतीय लड़के की कहानी है। सिधार्थकीसबसेअच्छीचीज़हैउसकादिल। सिधार्थसब लोगों का सम्मान करता है। पूरीकहानी में सिधार्थ ज्ञान ढूंढने की कोशिश करता है। कहानी के अंत तक सिधार्थ को ज्ञान मिलती है। सिधार्थ बहुत लम्बी कहानी नही है पर फिर भी अच्छी है।
1 comment:
Abbi mujhe bhi padna hoga!
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