Sunday 5 October 2008

मेरी मनपसंद किताब



कुछ महीनों पहले मै ने एक किताब पढ़ी थी। उसका नाम था "द प्रिंसेस "। यह मेरी सबसे मनपसंद किताब है। इस किताब में साउदी अरेबिया की एक रानी ने अपनी और अपने परिवार की औरतों की जिंदगियों के बारे में लिखा है। इस रानी ने अपना नाम बदल कर अन्ग्रेज़ी लेख़क, जीन सैसन को अपनी कहानी सुनाई जिसने फिर यह कहानी लिखी। इस रानी का नाम है सुल्ताना। सुल्ताना ने बहुत अच्छे तरीके से बताया है कि कैसे राज घराने में होने के बावजूद ऐसी काफ़ी चीजें हैं जो यह रानियाँ नहीं कर सकतीँ लेकिन बहुत सी ऐसी चीज़ें भी हैं जो यह कर पाती हैं सिर्फ़ क्योंकि यह राज परिवार का हिस्सा हैं, जैसे जब इन्हे साउदी अरेबिया से बाहर जाना होता है तो इन्हे अपने पिता, पति या फिर भाई से इजाज़त के कागज़ पर दस्तखत करवाने पड़ते हैं। इन कागजों के बिना यह देश से बाहर नहीं निकल सकतीं। साथ ही साथ बहुत ऐसी रानियाँ भी हैं जो शराब और जूए में डूबी रहती हैं लेकिन उन्हें कोई कुछ नहीं कहता जब तक यह बातें आम जनता या मुतावाईन( मज़हबी पोलिस ) को पता न चलें।
सुलताना ने अपनी ज़िन्दगी के बारे में, अपनी सात बहनों की जिंदगियों के बारे में,अपनी माँ के साथ अपने रिश्ते के बारे में, अपने दुष्ट भाई, अपने पिता,पति और बच्चों के बारे में भी बताया है।
यह किताब पढने के बाद मुझे एहसास हुआ कि बहुत औरतों की जिंदगियां अभी भी बहुत ख़राब तरह से बीत रहीं हैं। मुझे लगता है कि सबको यह किताब पढ़नी चाहिए।

फोटो क्रेडिट

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