हिंदुस्तान की संस्कृति में दहेज प्रथा खास तरह से होती है। अक्सर दहेज में दुलहन के माता पिता कुछ पैसे और कुछ चीजे दुल्हे के परिवार को देते हैं। पुराणी दिनों में बाप के लिए दहेज सब से बड़ा भार होता था। जब से लड़की का जन्म होता है तब से उसके बाप उसकी शादी के लिए पैसे बचाना शुरू कर देता है। पूर्व समय में इस लिया माता पिता लड़के होने की आशा रखते थे। उन दिनों में एक बाप सोचता था कि वह अपनी बेटी को जितना ज्यादा दहेज में दे सके उतना अच्हा लड़का उसको मिलेंगा। अगर लड़की अपने से बड़ी जाति में शादी करना चाहती है तो लड़के के माता पिता ज्यादा दहेज मांगते थे। कभी कभी लड़की के साथ दुल्हे के परिवार ने बुरा बर्ताव किया था क्योंकि दहेज उनके लिए कम था। आज कल दहेज में मांगने की प्रथा नही रही लेकिन बाप आशा रखता हैं कि वह खुशी से अपनी बेटी को शादी पर ज्यादा दे सके।
Friday, 27 February 2009
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