जब लड़की की शादी होने वाली है, तो लड़की के माँ बाप को दहेज़ प्रथा देना पड़ता है. दहेज़ प्रथा मै सोने की गहने और रुपयेमेरे मिलते है. मेरे कयल से दहेज़ प्रथा जबरजस्ती नही होनी चाहिए। कुछ परिवार गरीब है और ज्यदा पैसे जमा नही कर सकते है। फिर शादी नही होती या ससुर वाले लड़की को टंक करते है। कब्बी गली भी देते है। अगर ये सब होता तो लड़की को शादी मै कैसे शान्ति मिलेगी? आज कल "रीसस्सन" मै यह कतिना बाद जा रही है। कुछ लोग कहते है की दहेज़ प्रथा एक बीमा होता है- अगर पति का दहांत हो जाए तो पतनी के पास कुछ पैसे होंगे। लेकिन ज्यादातर होता है की पति पैसे बिताता है। फिर अगर दहांत हो जाए तो लड़की के पास पैसे नही होता और लड़की के माँ बाप के पास भी नही। दुरसे कतिने भी है। दहेज़ प्रथा "कास्ट स्य्स्तम" को बचाता है। अजर बहुत पैसे नही हो तो बड़ा दहेज़ प्रथा नही दे सकते है और केवल एक दूसरा गरीब आदमी को शादी करना होगा. दहेज़ प्रथा के जगह मै प्यार देना करना चाहिये। लड़की और लड़का एक दुसरे को समाज करना जरुरी है। दोनों को लिकना चाहिये कि घर की क्या जिम्नेदारी है और कौन करेगा कब। फिर पति पतनी आनंद मै रहेंगे।
Saturday, 28 February 2009
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