Sunday, 8 February 2009
Chhau
बिहार का लोक नाच का नाम छ्हू है। यह शब्द संस्कृत के शब्द 'छाया' से आता है। इस नाच मई सब लोग अपने चेहरे पर एक नकाब पेहेनते है। इस नकाब को हम 'chhau' कहते है। सब लोग नाचने के समय तलवार और फरी का इस्तमाल करते है। स्टेज पर बहुत तरह के दिया और कंदिल रखे जाता है। गीत के लिए ढोल, नगरा और सह्नैस का इस्तमाल किया जाता है। इस नाच में नकाब बहुत बड़ा और भरी होता है, और इस लिए नाच सिर्फ़ ७ से १० मिनट के लिया चलता है। इस नाच के तीन बज हिस्से है: राग, भाव और ताल। इस नाच में जानवर, आदमी और जगत का सम्बन्ध दिखाया जाता है। सागर नृत्य, सर्प नृत्य और मयूर नृत्य सब इस नाच में देखे जा सकते है। इस नाच में ज्यादा तर सिर्फ़ आदमी और लड़के नाचते है। 'chhau' महीना के पछिस्वे दिन पर किया जाता है, शिव जी के नाम में।
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