भरतनाथहत्यम एक बहुत सून्दर और असुकर भारतीय लोक नाच ह।यह नाच कर्नटिक संगीत के सात उपस्थिहत होता है। यह एक पुरनी और अती सुन्दर नाच है। भरतनाथहत्यम शूरु हुइ तमिल नादु मे। इस नाच मे पुरा शरीर को काम करना पर्ता है। भरतनाथहत्यम का कपडे बहुत भारी और सून्दर भी होते है। पहैना किलीये कूच जादा समय लगत है। ठीकसे सीखने किलीये सालों लगता है। सीखने के बाद एक अरंगेत्रम कर्ना पड़ता है।भरतनाथहत्यम बस नाच नही है, पुजा भी है। कुच संगीत शिवजी के है, लेकिन बहुत सारे दुसरे के भी है। अक्सर नर्तकी कि सात गवैया भी होते है, लेकिन आज कल रिकोर्देद भी होता है।
भरतनाथहत्यम एक बहुत सुन्दर विद्या है, और लोग सद नाचेंगे।
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