Friday 3 April 2009

संक्रान्ति



आंधरा प्रदेश में, संक्रान्ति एक बड़ा त्यौहारहै। यह त्यौहार अनाज काटने के समय में आता है। इसलिए यह त्यौहार किसानों के लिए, बहुत खांस है। इस मेले के बारे में, एक कहानी है। इस कहानी है कि इस समय पर, आसमान में, सूरज यात्रा शुरू करता है। संक्रान्ति पर सूरज, उसका स्वगीर्य रस्ते पर, मकर राशि में जाता है। "ग्रेगोरियन कलेंडर" में, संक्रान्ति जनवरी महीनें में आता है।

आंधरा में, लोग संक्रान्ति चार दिन के लिए मानते हैं। पहले दिन का नाम "भोगी" है। इस दिन में, लोग शाम को बड़े अलाव बनते हैं, और नाचते हैं, और जानते हैं। दूसरी दिन का नाम संक्रान्ति है। यह दिन सारा संक्रान्ति त्यौहार में, मुख्य दिन हैइस दिन में, सब लोग नए कपड़े पहनते हैं, और भगवान को पूजा करते हैं। भगवान, परिवार, और दोस्तों को मिटाइयां देते हैं। चौथा दिन का नाम "मुकानुमा"' है। यह दिन मांसाहारी लोग बहुत माँसाहारी खाना खाते हैं। पहले तिन दिनों के लिए, यह लोग माँसाहारी खाना नही खाते। संक्रान्ति में, एक बुरा चीज़ है कि बहुत अवैध पणन है।

आन्ध्र में, संक्रान्ति के दौरान भी, "हरिदास" लोग गर-गर जाकर, चावल के लिए पहुंचते हैं। संक्रान्ति के दौरान रंगोली प्रतियोगिते बहुत प्रचलित है। भारतीय लोग संक्रान्ति त्यौहार सारे भारत देश मानते हैं, लेकिन उस के लिए अलग नाम हैं। तमिल नाडू में, "पोंगल" है और पंजाब में, "लोड़ी" है।

No comments: