Saturday 4 April 2009

वसाखी

वसाखी एक सिक्ख त्यौहार है। लोग एप्रिल १३ या १४ में मनाये जाते है। सिक्ख लोग सरे दुनिया में मनाये जाते है। लोग खालसा के शुरुआत के लिए मनाते है। खालसा १६९९ में शुरू हुआ। सिक्ख लोग फसल के लिए भी मनाये जाते है। इस समय में सिक्ख अपने गुरु के शिक्ष्ण के बारे में सोचते है। लोग बहुत खुशी, रंगीन और दिल से मनाये जाते है।
वसाखी की कहानी यह है: गुरु गोबिंद सिंह जी फसल की त्यौहार पर खेसा से बाहर आया। वह सिक्ख लोगो को पुछा की " अगर आप अपनी जान देने का तयार है, उंदर आइये। पंज सिक्ख आदमी तयार थे। एक एक कर गुरु जी बाहर आयें और उसकी तुल्वार खून पर रिस रहा था। लोग बहुत पुरेशन हुए। पंज आदमी बाहर आयें। गुरु जी ने आदमी को खालसा में बपतिस्मा दिया। लोग नाचते, गाते, और परेड करते है। नगर कीर्तन भी होते है। लोग नगर में गुरु ग्रन्थ साहिब से गाने और भजन गाते है।
लन्दन में वसाखी का त्यौहार त्रफालगर स्क्वेर में मनाया जाता है। एक बडा मेला भी होता है।

1 comment:

Anil Kumar said...

जानकारी बहुत अच्छी दी। मुझे लगता है कि हिंदी में "सिख" लिखते हैं, "सिक्ख" नहीं। हालांकि यदि आप पंजाब प्रांत से हैं तो उसमें "सिक्ख" ही कहा जाता है। रोचक लेख लिखते रहें!