Sunday 5 April 2009

नवरात्रि

बचपन से मैंने बहुत सरे हिन्दुस्तानी त्यौहार मनाया लेकिन मुझे नवरात्रि का त्यौहार अधिक मनपसंद है। यह त्यौहार ज्यादा गुजुरती और बंगाली लोग मनाते हैं। इसका अर्थ नौ रातें, इसी लिए नौ रातें और दस दिन तक मनाया जाते हैं। यह त्यौहार लगभग सेप्टेम्बर या अक्टोबर महीनों में आता है। यह त्यौहार देवी दुर्गा जो गुर्गा माता है उसके नाम पर समर्पित किया है। दुर्गा को भारतीय लोग शक्ति की देवी कहते हैं। ये नौ दिन में पहले तिन दिन देवी दुर्गा , उसके बाद तिन दिन देवी लक्ष्मी , और अन्तिम के तिन दिन देवी सरस्वती को समर्पित करना जाता है। समाज के सब लोग रातों में मिलके डंडिया रास और गरबा का नृत्य करते हैं। और बहुत अच्छा खाना बना के साथ में भोजन करते हें। सबसे लोग रंगीन और सुंदर कपडे पहनता हैं। बहुत सरे पूजा होती है। पुराने दिनों में यह प्रथा थी कि किसानें देवी को पूजा करके ज्यादा उपज होने का आशीवार्द मांगते थे। कोई पुरे सब नौ दिन उपवास करते हैं। दसवाँदिन को वीजय दशमी दिन कहता है और गुजुरत में जलेबी गांन्तियाँ खाकर यह दिन मानते है। जब में दस साल की थी टीबी मेरी मौसी ने मेरे लिए हिन्दुस्तानी से ख़ास रिगीं चोली भेजी थी और मैनें यह नवरात्री में फंकी पुरी रत डंडिया रास किए थे। और बहुत मज़ा आया।

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