Wednesday 1 April 2009

पोंगल

पोंगल दक्षण भारत में बहुत महेत्वा है। पोंगल के पहले थीं साल महीने लोग बीज ज़मीं में डालते है और जन्वेरी में जब यह बीज उगते है तब बहुत खुशी मनाते है। पोंगल सबसे बड़ा त्योहार है और चार दिन चलता है। यह त्योहार थान्क्स्गिविंग के जैसे होता है। पोंगल चौदह या पंधरा जन्वेरी कर आता है। इस दिन बहुत पूजा होती है और लोग अच्छे कपड़े पहेंते है और बहुत अच्छा खाना बन्ता है। पहला दिन भगवन इन्द्र की पूजा होती है। इन्द्र बारिश का भगवन है और अच्छे पौदों के लिए बारिश जरूरी है। इस दिन बहुत नाच गाना होती है। दुसरे दिन चावल को उबला जाता है और सूर्य भगवन के पूजा होती है। सब लोग नया कपड़े पहेन्ते है। घर के उंदर और बहार रंगोली डालते है। तीसरे दिन सब लोग को पोंगल किलय जाता है और गई को पूजा करके उनको भी खाना दिया जाता है। गई के आरती भी करते है। चौथा दिन मिटा पोंगल बनाया जाता है और भाइयों के लिए पूजा करते है और आरती करते। पोंगल के समय बहुत खुशी होती है।

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