Sunday 5 April 2009

रक्षा बंधन


रक्षा बंधन के बारे में, एक कहानी है। बहुत हज़ार साल पहले, देवते और भूत बैर में जगड़ाते थे। देवते के रजा, इन्द्रा, बैर के बारे में बहुत परेशानी लगता था। उसकी पत्नी, इन्द्राणी, बहुत चिंतू हुई, तो उसने एक जादू बनाकर इन्द्रा की दाये कलाई पर बांधा। जादू ने इन्द्रा भूत से बचाया।

रक्षा बंधन अगस्त में मनाई जाती है। राखी का दिन में, सब भाई और बहने सुबह को उठते हैं। वे नये कपड़े पहनते हैं। भाई अक्सर कुर्ता पहनते हैं और बेहेने सलवार-कुर्ता या साड़ियाँ पहनती हैं। बहने राखी के लिए एक थाली को सजाती हैं। उसपर, रोली (तिलक के लिए), अक्षत, दिया या दीपक (भाई की आरती के लिए), मिठाईयाँ और राखी। पहले, बहने अपने भाईयो के माथे पर तिलक लगाती हैं। इस के बाद, तिलक पर कुछ अक्षत लगाती हैं। फिर वे आरती करके अपने भाईयो की कलाईयाँ पर राखी बांधती हैं। ये राखियाँ बहुत सुंदर और रंगीला हैं। मेरे बहने नही है लेकिन मेरे कुछ भाई-बहन और दोस्त मुझे राखियाँ देती हैं।

राखी बांधने के बाद, बहने अपने भाईयो को मिठाईयाँ देती हैं। फिर, भाई अपनी बहने को कुछ तोहफे देते हैं। अक्सर तोहफे पैसे हैं। भाई और बहनों दोनों को लंबा जीवन, सफलता, प्रताप और तबीयत के लिए इच्छा करते हैं। सब भाई और बहने अपने रिश्तेदारो के घर जाती हैं और नमस्कार अदला बदला करते हैं।

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