Saturday 21 March 2009

शादी का रिवाज़

यह तस्वीर मेरी परिवार का है मेरे भाई के शादी का समय।
हर हिंदू शादी का रिवाज़ एक जैसा होता है लेकिन तमिल शादी का रिवाज़ में दो अन्तर है। एक है कशी यात्रा शादी के पहले लड़के को दो चीजों में से चुन्न पड़ता है। एक है की वो शादी करे और दूसरा की वो सन्यासी बन जाए। लड़का अपना छाता जूते लकड़ी लेक्कर सन्यासी बने चल पड़ता है। तब दुल्हन के पिताजी और उसके भाई लड़के के पास जाते है और विनती करते है की संन्यास नही लो हमारे लड़की के साथ शादी करो। लड़के को दुल्हन के बाप बहुत पैसे और सामान भी देने कवाडा करते है। तब लड़का वापस आकर दूल्हा बंता है। यह कशी यात्रा कहते है। दूसरी रिवाज जो सिर्फ़ तमिल शादी में है ऊन्झ्ल कहते है। ऊन्झ्ल में शादी की बाद दूल्हा और दुल्हन एक जूला पे बेटते है सब लोग उन्हें जलाते है और गाना गाते है। इसका मतलब है के जैसे जूला उपर निचे जाता है वैसे जिंदगी में दुख और सुख दोनों आते है। कभी हम खुशी के मरे उपर है और कभी दुख के मरे निचे। लेकिन दोनों दूल्हा दुल्हन इस उंच नीच का सामना साथ करेंगे। इसे उन्जल कहते है।

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