Sunday 22 March 2009

शादी के रिवाज

सिन्धी शादी में बहुत रिवाज हैं। शादी से पहले, मेहेंदी के रिवाज होती है। मेहेंदीवाली दुलहन और अपनी सहेलियों के हाथ और पैरों पर मेहेंदी लगाती हैं। इसके बाद, संगीत के रिवाज होती हैं, जिसमे कई तरह के गाने गाई जाती हैं। नवग्रही पूजा से पहले, सागरी के रिवाज होती हैं। दुलहा के रिश्तेदार दुलहन के घर में आते हैं और उसको फूलों के सात सजाते हैं। दुलहा की बहन दुलहन को पाँच तरह के फल और मिठाइयाँ देती हैं, और एक दूसरे को तोहफे देते हैं।

शादी में, मधुपर्क के रिवाज होती हैं। मधुपर्क एक घी और मधु का मिलाव हैं। दुलहन दुलहा को पानी तीन बार देती हैं। पहली बार, दुलहा अपने पैर पर डालता हैं, दूसरी बार अपने शरीर पर, और तीसरी बार, वह पानी पीता हैं। इसके बाद वह थोड़ा मधुपर्क खाता हैं। प्राण कहा जाती हैं और दुलहा और दुलहन आग के साथ फेरे लेते हैं।

एक आम सिन्धी के रिवाज दत्तर हैं। शादी के बाद, दुलहन घर जाती हैं, और दुलहा के परिवार एक परत में, दो 'किलो' नमक लाते हैं। दुलहन के परिवार एक पंखा लाते हैं। दुलहा और दुलहन मौली और छुहारे पूजास्थान में डालते हैं। दुलहा आशार्वाद के लिए, नमक में कुछ पैसे और तोहफे डालते हैं। दुलहन बहुत नमक उठाती हैं और अपने पति के हाथ में डालती हैं। इसके बाद, दुलहन के ससुराल दुलहन के साथ वही करते हैं।

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